अगले बजट में सरकारी बैंकों को नहीं मिलेगी ''सरकारी'' पूंजी
अगले बजट में सरकारी बैंकों को नहीं मिलेगी ''सरकारी'' पूंजी
नई दिल्ली। सरकार आगामी बजट (वित्त वर्ष 2022-23) में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) में पूंजी डालने का एलान नहीं करेगी। इसके पीछे कारण यह है कि ना केवल बैंकों के फंसे हुए कर्ज में कमी आई है बल्कि उनकी वित्तीय सेहत में भी सुधार हुआ है। हालांकि बैंकों को बाजार से रकम जुटाने और अपनी नान कोर एसेट्स को बेचने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। बता दें कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 20,000 करोड़ रुपये की मदद निर्धारित की है। बैंकों की वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का शुद्ध लाभ बढ़कर 14,012 करोड़ रुपये हो गया था, जो बाद में सितंबर, 2021 में समाप्त तिमाही के दौरान बढ़कर 17,132 करोड़ रुपये हो गया।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान हुआ कुल लाभ, पिछले वित्त वर्ष के दौरान हुए कुल लाभ के लगभग बराबर था। पिछले वित्त वर्ष के दौरान, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने कुल 58,697 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो किसी एक वित्त वर्ष में सबसे ज्यादा थे। वहीं, जून, 2021 के अंत में इन बैंकों का कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो (सीएआर) बढ़कर 14.3 प्रतिशत हो गया, वहीं उनकी प्रोविजन कवरेज रेशियो 84 प्रतिशत के साथ आठ साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था। बैंकों से अपनी वित्तीय सेहत में सुधार के लिए रिकवरी पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने आवास ऋण पर ब्याज दरें घटाकर 6.40 प्रतिशत करने की घोषणा की है। यह बैंक की होम लोन रेट का सर्वकालिक निचला स्तर है। अभी बैंक 6.80 प्रतिशत की शुरुआती ब्याज पर आवास ऋण दे रहा है। बैंक ने बाजार प्रतिस्पर्धा के मद्देनजर कार ऋण पर भी ब्याज दरें 7.05 फीसदी से घटाकर 6.80 प्रतिशत कर दी हैं। नई दरें 13 दिसंबर से प्रभावी होंगी। ब्याज दरों में कटौती 'रिटेल बोनांजा फेस्टिव धमाका' पेशकश के तहत की गई है। इससे पहले भी बैंक ने अक्टूबर 2021 में विभिन्न कर्ज की ब्याज दर में 0.10 फीसदी तक की कटौती की थी।